भारत में पहली हाइड्रोजन ट्रेन: पर्यावरण के लिए एक नई क्रांति
हाइड्रोजन ट्रेन एक ऐसी रेलगाड़ी है जो हाइड्रोजन फ्यूल सेल तकनीक पर आधारित होती है। इसमें ईंधन के रूप में हाइड्रोजन गैस का इस्तेमाल किया जाता है। यह ट्रेन हाइड्रोजन और ऑक्सीजन की रासायनिक प्रतिक्रिया से बिजली बनाती है, जिससे ट्रेन का इलेक्ट्रिक मोटर चलता है। इस प्रक्रिया का एकमात्र उप-उत्पाद पानी और भाप है, यानी इससे प्रदूषण नहीं होता और यह पूरी तरह से ईको-फ्रेंडली है।
- शून्य कार्बन उत्सर्जन (Zero Emission) वाली ट्रेन
- डीजल ट्रेन की तरह जहरीली गैसें नहीं छोड़ती, सिर्फ पानी और भाप
- स्पीड: 110–140 किलोमीटर प्रति घंटा
- एक बार में करीब 2,638 यात्री क्षमता
- कम शोर और उच्च ऊर्जा दक्षता
भारत में पहली हाइड्रोजन ट्रेन हरियाणा के जींद–सोनीपत रूट पर चलेगी, और यह दुनिया की सबसे शक्तिशाली (1,200 हॉर्सपावर) और बड़ी हाइड्रोजन ट्रेन है। यह आधुनिक, साफ-सुथरी और टिकाऊ सार्वजनिक यातायात तकनीक का उदाहरण है, जो भविष्य में पर्यावरण के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगी।